अब फिर से स्कूल खुलेगा
अब फिर से स्कूल खुलेगा
अब फिर से नए सपने जागेंगे
वही चहल-पहल
मजाक-मस्ती
सब फिर से शुरू होगा
पर
गम इस बात का है
कि,
कुछ साथी जो
दूर के सफर पे चल दिए
अब लौट के ना आनेवाले
उनकी किलकारियाँ
नहीं सुनाई देंगी
उनकी आवाजें न जाने
कहाँ खो गईं
अब वह टीचर भी नहीं होंगी
जिनकी आवाज
दुआ में नए रंग भरा करती थी
जिनकी प्यारी मुस्कान
आँसू भूला दिया करती थी
अब फिर से स्कूल खुलेगा
तालीम का नया रंग होगा
अमन और शांती का
नया परचम दिलों में लहराएगा
खुशियों और चाहत का
अब फिर से सपने जागेंगे
अब फिर से स्कूल खुलेगा!
फारूक काझी
faruk_skazi@yahoo.com
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