हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था
विनोद कुमार शुक्ल हे हिंदीतले एक प्रसिद्ध कवी आणि कादंबरीकार आहेत. त्यांची कल्पना आणि वास्तवाच्या सीमेवर रेंगाळणारी लेखनशैली एखादी झुळूक यावी तशी...
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हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए…
हो गई है पीर* पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए। आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी, शर्त लेकिन थी...
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